निमोनिया क्या है - कारण, लक्षण, उपचार और बचाव

 P-Nimonia


परिचय :
                यह बीमारी बच्चों में होने वाला एक संक्रामक रोग है जिससे बच्चा का फेफड़ा संक्रमित हो जाता है तथा सर्दी खांसी और बुखार कायम रहता है इस स्थिति को निमोनिया कहते हैं |                                                                                                                   निमोनिया होने का निम्नलिखित कारण है :---------------
  1. एकाएक मौसम परिवर्तन के कारण
  2. डिप्लोकोक्कस बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण
  3. साधारण सर्दी खांसी अधिक दिनों तक रह जाने के कारण
  4. निमोनिया बीमारी होने का मुख्य कारण बच्चों की माता होती है





  • लक्षण के आधार पर निमोनिया दो प्रकार के होते हैं |
  1. साधारण P-Nimonia
  2. घातक     P-Nimonia
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साधारण P-Nimonia :-
                                     इस निमोनिया में बच्चा के एक तरफ का फेफड़ा संक्रमित हो जाता है जिस तरफ का फेफड़ा संक्रमित होता है उसे तरफ सीना हल्का दबने के साथ सुई के चुभन की भांति रुक-रुक कर तेज दर्द होता है बच्चा का शारीरिक तापमान लगभग 101 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है और साथ ही सर्दी खांसी कायम हो जाता है तथा खांसी से जो बलगम निकलता है वह बलगम सफेद और हल्का पीला होता है बच्चा को आरुचि प्रकोपित करना शुरू कर देती है | बच्चा के शरीर भा में तेजी से कमी होने लगता है |



घातक     P-Nimonia :-
                                     इस निमोनिया में बच्चा का दोनों तरफ का फेफड़ा संक्रमित हो जाता है जिससे दोनों तरफ सीने में सुई के चुभन की भांति रुक-रुक कर तेज दर्द होता है बच्चा का शारीरिक तापमान लगभग 102 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है इसके साथ-साथ सर्दी खांसी बना रहता है खांसी से जो बलगम निकलता है वह बलगम ईट के चूर्ण की भांति होता है बच्चा को आरुचि पूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेता है इसके साथ-साथ बच्चा  को सांस लेने में अधिक कठिनाई होती है यह बीमारी रात्रि के समय तीव्र गति से बढ़ने लगता है जिससे रोगी के हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने के साथ रोगी बेकाबू होकर चिल्लाने लगते हैं शरीर भर में तेजी से कमी आ जाती है  |


बचाव :-
                            बच्चा को ठंडा भोज्य पदार्थों का सेवन न कराए या बच्चा के माता को ठंडा भोज्य पदार्थ न दें बच्चा को ठंडी गर्मी के प्रकोप से बचाए |







सहायक चिकित्सा  :-
                                 बच्चा को पौष्टिक आहार दे साथ ही शारीरिक स्वच्छता अति अनिवार्य है |बच्चा को रात्रि के समय हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने पर या सीना में तेज दर्द होने पर शुद्ध सरसों तेल में लहसुन डालकर गर्म करें और बच्चा के हाथ पैरों के तलवे के साथ-साथ सीना पर मालिश करें अधिक खांसी होने पर गाय के घी में प्याज डालकर गर्म करें और बच्चा को 1.5-2 चम्मच घी सुबह शाम पिलाए साथ ही बच्चा के शारीरिक तापमान अधिक होने पर सूती कपड़ा पानी में भिगोकर पट्टी करें |


Rx
       Taxim,         250mg,500mg,Inj
       Monocef,     50,100,Syp (For Children)
       Monocef,     500mg,Inj
       Traxol,         375mg,250mg,Inj
        Mega-CV,   DP,Syp
       Azithrial,      Dp,Syp
       Whymox,      Dp,Syp
       Calvam,        Syp

उपरोक्त दवा प्रतिजेव रोधक है यह रोगों से लड़कर रोग के प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है  |


DOSE :-
                    छोटा बच्चा को 250 mg के इंजेक्शन में डेक्सोना मिलाकर प्रतिदिन दिया जाता है |

Rx
      Calpol,      Dp,125mg,250mg,Syp
      Dolo,         Dp,125mg,250mg,Syp
      Metacin,          125mg,250mg,Syp


उपरोक्त दावा Paracitamol है इसे शारीरिक तापमान अधिक होने पर दिया जाता है |

Rx
     Scoril,         Dp,syp
     Torex,         Syp,Tab
     Scoril-LS,   Dp,Syp
     Coldtime,    Dp,Syp
     Sumocold,    Dp,Syp,Tab

उपरोक्त दवा खांसी होने के स्थिति में दिया जाता है |

DOSE :- 
                    नवजात शिशु को 4-5 बूंद ड्रॉप तीन टाइम, 3-6 माह तक के बच्चा को 6-7 बूंद ड्रॉप तीन टाइम ,6-12 माह तक के बच्चा को 8-10 बूंद ड्रॉप तीन टाइम तथा 1 साल के ऊपर के बच्चा को 2.5 ml सिरप तीन टाइम एवं 2 साल के ऊपर के बच्चा को 5 ml सिरप तीन टाइम दिया जाता है |

Rx
       Tarxol,    375mg,Inj
        Dolo,      125mg,Syp
        Scoril-LS, Sup


उपरोक्त दवा निमोनिया को ठीक करने के लिए दिया जाता है |

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