क्षय रोग (T.B)
परिचय ➖
इस बीमारी के शुरुआत में रोगी को खुर-खुर करके खांसी आता है व रोगी खांसते बेकाबू हो जाते हैं रोगी को संध्या के समय अधिक पसीना आता है व खांसी के साथ जो बलगम निकलता है वो बलगम हल्का पीला तथा दुर्गंधित होता है इस स्थिति को क्षय रोग कहते हैं |
क्षय रोग होने का निम्नलिखित कारण है ➖
1. माइक्रो बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण
2. संक्रमि त गाय के कच्चा दूध पीने के कारण
3. संक्रमित व्यक्ति के टॉवल रुमाल आदि चीजों का उपयोग करने के कारण
4. संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहने या उनके जूठे भोज्य पदार्थ का सेवन करने के कारण
5. इस रोग का प्रचार प्रसार रोगी के बलगम के द्वारा होता है
6. शारीरिक शक्ति से ज्यादा शारीरिक मेहनत करने के कारण
7. कम उम्र में शादी हो जाने के कारण
लक्षण ➖
इस बीमारी में रोगी खांसते-खांसते बेकाबू हो जाते हैं व खांसी से जो बलगम निकलता है वो बलगम में मवादयुक्त, रक्तयुक्त, हल्का पीला होता है रोगी का शारीरिक तापमान दोपहर के बाद बढ़ने लगता है व रात्रि 12:00 बजे के बाद सामान्य हो जाता है इसके साथ रोगी को शाम के समय अधिक पसीना आता है तथा आरुचि बीमारी परिपूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है शरीर भार में कमी आने के साथ-साथ रोगी अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं यह बीमारी रात्रि के समय तीव्र गति से बढ़ने लगता है जिससे रोगी बेकाबू हो जाते हैं किसी किसी रोगी के हाथ पैरों पर ठंडक पड़ने लगता है तो किसी -किसी रोगी का शारीरिक तापमान 100 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है यह बीमारी माइक्रो बैक्टीरिया के द्वारा होने वाला एक संक्रामक रोग है जिसमें सबसे ज्यादा रोगी का फेफड़ा प्रभावित होता है |
बचाव ➖
रोगी को ठंडा भोज्य पदार्थ का सेवन न कराएं | इसके साथ तीखे मिर्च मसाला व गर्म भोज्य-पदार्थ न दें तथा रो गी का बलगम इधर-उधर ना त्याग कराएं | रोगी को मानसिक तनाव से बचाए धूम्रपान व निकोटिन का सेवन न करने दे |
सहायक चिकित्सा ➖
रोगी को पौष्टिक आहार दें जैसे हरा सब्जी अंडा बकरी का पैर आदि चीजों का सेवन कराएं इसके साथ घर का बनाया हुआ पनीर दें |रोगी का शारीरिक तापमान अधिक होने पर ठंडे पानी में सूती कपड़ा भिगोकर पट्टी करें इसके साथ रोगी को रात्रि के समय तेज खांसी आने पर रोगी के मस्तिष्क के पास ऊंचा मसलन का प्रयोग करें इसके साथ ही रोगी का बलगम रख के पोटली में त्याग कारण अधिक खांसी आने पर गाय के घी में प्याज डालकर गर्म करें वह दो -ती न चम्मच घी रोगी को पिलाई क्षय रोग का पुष्टिकरण हेतु रोगी का E.S.R जांच कराया जाता है या रोगी के सुबह का बलगम का A.F.B जांच कराया जाता है |