Chicken Pox (चेचक) छोटी माता व बड़ी माता
परिचय :-
इस बीमारी में रोगी के पूरे शरीर में छोटा बड़ा मटर के दाने के समान फोड़ा फुंसी निकलता है जो कुछ समय बाद अपने आप फट जाता है शारीरिक जलन के साथ खुजली कायम रहती है इसके साथ ही रोगी का शारीरिक तापमान लगभग 101 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है इस स्थिति को Chicken Pox कहते हैं |
Chicken Pox होने का निम्नलिखित कारण है---------
- संक्रमित व्यक्ति के आसपास रहने या उनके Towel , रूमाल आदि का उपयोग करने के कारण
- गर्म दवाइयों का अधिक दिनों तक सेवन करने के कारण
- कुछ शारीरिक एलर्जी के कारण
- गर्म भोज्य पदार्थ का अत्यधिक मात्रा में लंबे समय तक सेवन करने के कारण
- ठंडी के दिनों में अधिक दिनों तक स्नान न करने के कारण
- ग्रीष्म ऋतु में अधिक पसीना होने के कारण
- किसी गंभीर बीमारी से लंबे समय तक ग्रसित रहने के कारण
- यह बीमारी होने का मुख्य कारण अस्वच्छता हैं |
लक्षण :-
लक्षण के आधार पर चिकन पॉक्स दो प्रकार के होते हैं -------
- छोटी माता
- बड़ी माता
छोटी माता :-
इस बीमारी में रोगी के पूरे शरीर में छोटा-छोटा मटर के दाने के समान फोड़ा फुंसी निकलता है जो कुछ समय बाद अपने आप फट जाता है शारीरिक जलन के साथ खुजली कायम रहती हैं रोगी का शारीरिक तापमान 101 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है रोगी को आरूचि प्रकोपित करना शुरू कर देती है रोगी के शरीर भार में कमी आने के साथ रोगी अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं ।
बड़ी माता :-
इस बीमारी में रोगी के पूरे शरीर में बड़ा बड़ा मटर के दाने के समान फोड़ा फुंसी निकलता है । जो कुछ समय बाद अपने आप फट जाता है वह उसका पानी शरीर में जहां-जहां लगता है वहां पर फिर से दाने निकलने लगते हैं शारीरिक जलन के साथ खुजली कायम रहती है रोगी का शारीरिक तापमान लगभग 103 डिग्री फारेनहाइट सामान्य स्तर से बना रहता है । आरुचि बीमारी पूर्ण रूप से प्रकोपित कर लेती है जिससे रोगी रक्तहीन होने के साथ अति दुर्बल व कमजोर हो जाते हैं । यह बीमारी रात्रि के समय तीव्र गति से बढ़ने लगता है जिससे रोगी बेकाबू हो जाते हैं ।
बचाव :-
तीखे मिर्च मसाला तेलीय पदार्थ का सेवन ना कराएं । गर्म भोज्य पदार्थ का सेवन न कराएं ।दही, बैगन व खट्टे भोज्य पदार्थ का सेवन ना करने दें इसके साथ ही रोगी के पास सभी व्यक्ति को जाने से रोके व रोगी के शरीर में सूर्य का प्रकाश ना लगने दे इसके साथ-साथ रोगी को इधर-उधर जाने से रोके तथा कुप्पाचय भोजन का सेवन न करने दे ।
सहायक चिकित्सा :-
रोगी का शारीरिक तापमान अधिक होने पर ठंडे पानी में सूती कपड़ा भिगोकर पट्टी करें और साथ ही एक सप्ताह घरेलू उपचार करें । रोगी का बेड एक अलग कमरा में लगा दे व शारीरिक सफाई पर ध्यान दें । घरेलू उपचार करने के बाद पानी में डिटरमिनेशन मिलाकर रोगी को स्नान कारए ।रात्रि के समय रोगी का शारीरिक जलन व खुजली होने पर जमीन पर नीम का पत्ता बिछाकर रोगी को सुलाएं ।रोगी के आसपास किसी अन्य व्यक्ति को न जाने दें।
वेरिसेला जोस्टर वायरस के कारण चेचक बीमारी होता है।
Rx
Vitmin-B Complex With M.V.M
Becosul, Cap,Syp
Polibion, Syp
Cobadex, Cap
A to Z Gold, Cap
उपरोक्त दवा Vitamin-B Complex है इसे शारीरिक सस्ती पूर्ति व यकृत पर ताज़गी लाने के लिए दिया जाता है ।
Rx
Taxim, 1g Inj, 1×1
Polybion, Syp, 2×2
Fordrom
Pentop-DSR, Cap, 1×1
उपरोक्त दवा सहायक चिकित्सा करने के बाद चिकन पॉक्स होने की स्थिति में दिया जाता है
Rx
Mega-CV , Dp,Syp
Sumocold, Dp,Syp
उपरोक्त दवा छोटे बच्चों को खांसी बुखार होने की स्थिति में दिया जाता है |
Rx
Monocef-150
Dolo-120mg,Syp
उपरोक्त दवा 1 साल के बच्चों को सिर्फ बुखार होने की स्थिति में दिया जाता है l
- छोटा बच्चा को पेट में दर्द होने की स्थिति में Meftal Spass का ड्रॉप या सिरप शरीर भार व उम्र को देखते हुए दिया जाता है ।
- बच्चा के पेट में कब्ज बनने पर किसी एग्जाम से ड्रॉप या सिरप दें।
- बच्चा के कान या मस्तिष्क में दर्द होने पर Combyfion का सिरप दिया जाता है
Rx
Almox, 500mg, Cap, 1×2
Sumocold, Tab, 1×2
Montina-L, Tab,
उपरोक्त दवा व्यस्क व्यक्ति को सर्दी खांसी बुखार होने की स्थिति में दिया जाता है |